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Computer Teacher In Rajasthan

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राजस्थान सरकार ने कंप्यूटर टीचर भर्ती की घोषणा इस बजट सत्र में की है | राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश के सभी सरकारी विधालयो में कंप्यूटर शिक्षकों के 14601 पदों के लिए भर्ती आयोजित करवाई जाएगी, इसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के पद शामिल है,तृतीय श्रेणी के 10985 पद और द्वितीय श्रेणी के 3616 पदों के लिए भर्ती आयोजित होगी, Rajasthan Computer Teacher 2nd Grade की योग्यता- भर्ती का तरीका-50% सीधी भर्ती एवं 50% पदोन्नति | योग्यता- सीधी भर्ती-विधि द्वारा स्थापित विश्वविधालय से Computer Science या सूचना प्रौद्योगिकी में स्नातक योग्यता (B.E. in Computer Science, B.tech in Computer Science, B.E. in Information Technology, B.tech in Information Technology) पदोन्नति हेतु- उपर्युक्त सीधी भर्ती की योग्यता के अतिरिक्त, Computer Teacher तृतीय श्रेणी के रूप में कार्य करने का न्यूनतम तीन वर्ष का अनुभव पर वरिष्ठता से | कार्यक्षेत्र-राजकीय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय, जहां कक्षा 9 एवं 10 का नामांकन 120 से अधिक है| Rajasthan Computer Teacher 14601 Application Form Proce

Important facts

Important Facts of the world. 1. धरती का सबसे भारी पेठा (कद्दू) 950 किलो का है, यानि एक ALTO 800 कार से भी ज्यादा भारी। 2. यदि आप कागज़ के किसी टुकड़े को 50 बार मोड़ने में सफल हो जाते हो तो उसकी मोटाई सूरज तक पहुंच जाएगी. 3 एक लीटर ‘सोया साॅस‘ पचाने से आपकी मौत भी हो सकती है. 4. अमेरिका में जो सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाली महिला CEO थी, उसका जन्म पुरूष के रूप में हुआ था, उसने बाद में लिंग चेंज करवाया। (Martine Rothblatt, According to BusinessInsider 2014). 5. सूरजमुखी का फूल radioactive waste को भी साफ करने की क्षमता रखता है। 6. उल्लू अपने सिर को 360° यानि बिल्कुल गोल घुमा सकता है, लेकिन इसकी आंखे नही हिलती. 7. हर साल सर्जरी कराते समय आग की चपेट में आने से 600 मरीजों की मौत हो जाती है. 8. एक समय पर ‘रियो डे जेनेरियो’ पुर्तगाल की राजधानी हुआ करती थी, उस समय यह अकेली ऐसी यूरोपियन राजधानी थी जो यूरोप से बाहर थी. 9. यदि दुनिया में सभी अलगाववादियों (अलग देश की मांग करने वाले) की मांगे पूरी हो जाए तो 205 नए देश निकलकर आए.

Deeg Palace

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Deeg पैलेस एक महल है यह एक प्राचीन शहर डीग जो कि भरतपुर जिला, राजस्थान से लगभग 32 किलोमीटर कि दूरी पर स्थित है। इस शहर का प्राचीन नाम दीर्घापुर था। स्ंकद पुराण में भी ‘दीर्घ’ या ‘दीर्घापुर’ के रूप में उल्लेख किया गया है। यह हर साल तीन दिनों के लिए सितम्बर माह में मेले का आयोजन किया जाता है। डीग को भरतपुर राज्य की पहली राजधानी राजा ठाकुर बदन सिंह ने बनाया था। कभी भरतपुर के शासकों का ग्रीष्मकालीन आवास रहे, डीग ने क्षेत्र की भरतपुर राज्य की दूसरी राजधानी बनने की भूमिका निभाई है। डीग महल को जलमहल के नाम भी प्रसिद्ध है। यह महल जाट शासक महाराजा सूरजमल (1756-63 ई.) तथा जवाहर सिंह (1764-68 ई.) द्वारा बनवाये गये थे। डीग किला और जलमहल महाराजा सूरजमल के महत्वपूर्ण निर्माण हैं। किले का मुख्य आकर्षण है यहां का निगरानी बुर्ज (वॉच टावर), जहां से न केवल पूरे महल को देखा जा सकता है, बल्कि शहर का नजारा भी लिया जा सकता है। आगरा किले से लूट कर यहां लाई गई तोप के अलावा गहरी खाई, ऊंची दीवारों और मजबूत द्वारों के घिरे अब इस किले के अवशेष मात्र ही देखे जा सकते हैं। डीग के महलों में चतुष्कोण बनात

एक ऐसे गांव की कहानी जो केवल शनि देव के भरोसे चलता है|

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1.आस्था और भगवान क्या आप आस्था में विश्वास करते हैं? यदि हां तो आप शायद महाराष्ट्र के इस गांव के लोगों की भावनाओं को समझ सकें। एक ऐसा गांव जो केवल भगवान भरोसे चलता है। एक ऐसा गांव जो सुख एवं दुख का मालिक भगवान को ही मानता है। इस गांव के वासियों के लिए भगवान की महिमा से बढ़कर और कुछ नहीं है। 2.शिंगणापुर गांव महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है शिंगणापुर गांव, जिसे शनि शिंगणापुर के नाम से जाना जाता है। यह गांव हिन्दू धर्म के विख्यात शनि देव की वजह से प्रसिद्ध है, क्योंकि इस गांव में शनि देव का चमत्कारी मंदिर स्थित है। जी हां, चमत्कारी.... यह शब्द हम इस गांव में हो रहे चमत्कारों को देखते हुए ही इस्तेमाल कर रहे हैं। 3.महाराष्ट्र में है स्थित यदि कभी मौका मिले तो आप महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य के इस छोटे से गांव में जाकर तो देखिए। यह गांव शिरडी से अधिक दूर नहीं है। मैं स्वयं इस गांव में गई हूं... गांव की ओर जाता हुआ रास्ता काफी अच्छा और साफ है। रास्ते में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर गन्ने का रस मिलता है। कुल मिलाकर गांव तक पहुंचने का सफर काफी अच्छा होता है। 4.हैरान करने वाल

badrinarayan

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बद्रीनाथ भगवान् के दर्शन करते हुए  भक्त लोग |        बोलो श्री बद्रीनारायण भगवान् की जय हो |       श्री श्री १०८ जय  श्री कलुआ बाबा  की जय हो |       बद्रीविशाल की जय हो | हम सभी लोग लगभग जानते है कि  बद्रीनाथ  का मन्दिर उत्तराखंड में है | वहां एक अलखनंदा नदी बहती है  लेकिन हर इंसान वहां जाने का खर्चा नहीं वहन कर सकता है| लेकिन जो लोग भगवान् श्री बद्रीनाथ के दर्शन  करना चाहते हैं उन लोगो को कंही जाने कि जरुरत  नहीं है क्योकि श्री भगवान् बद्रीनाथ का बहुत पुराना  मन्दिर ब्रिज चौरासी कोस में है |यह मन्दिर राजस्थान के भरतपुर जिले कि डीग तहशील में पड़ता है | यह एक बद्री नाम का गांव है | इस गांव में में श्री  बद्रीनाथ  का बहुत पुराना मन्दिर है | यहाँ  आपको श्री बद्रीनारयण के दर्शन हो जायेंगे | यंहा ऐसी मान्यता है  कि श्री भगवान् कृष्ण द्वापर युग में यहाँ आये थे और भगवान् बद्रीनाथ के दर्शन किये और अपने लोगो को भी दर्शन कराये थे |यहां एक नदी  भी बहती है जिसे अलखनंदा के नाम से जाना जाता है |इस  नदी  का जल एकदम साफ़ और शुद्ध है | सैलानी यहाँ काफी मात्रा में रोज आते हैं और  

Badrinath temple in brij 84 kos

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Brij 84 Kos Yatra  Shri Braj Chaurasi (84) Kos Yatra Sachhat shree BadriNarayan Temple in brij 84 kos is very peasent place   श्री  बद्रीनाथ महाराज  :   मान्यता है कि जब यशोदा मैया और नंद बाबा ने भगवान श्री कृष्ण से 4 धाम की यात्रा की इच्छा जाहिर की तो भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि आप बुजुर्ग हो गए हैं, इसलिए मैं आप के लिए यहीं सभी तीर्थों और चारों धामों को आह्वान कर बुला देता हूं। उसी समय से केदरनाथ और बद्रीनाथ भी यहां मौजूद हो गए। 84 कोस के अंदर राजस्थान की सीमा पर मौजूद पहाड़ पर केदारनाथ का मंदिर है। पर्वत पर नंदी स्वरूप में दिखने वाली विशालकाय शिला के नीचे शिव जी का छोटा सा मंदिर है। इसके अलावा बद्रीनाथ भी 84 कोस में ही विराजमान हैं। जिन्हें बूढ़े बद्री के नाम से जाना जाता है। मंदिर के पास ही कुंड भी है। इसके अलावा गुप्त काशी, यमुनोत्री और गंगोत्री के भी दर्शन यहां श्रद्धालुओं को होते हैं। Till the time I was not been to this Yatra, I thought that it must revolved around 84 mandirs. In ancient times to measure the distance (Kos) was